Saturday 20 April 2013
बचपन की यादें
बचपन की यादें
सुनहरे पल बिठाये हमनें..
नमकीन पल बिठाये हमनें..
रिश्ते की खुशबू महकती गयी |
जीवन हरियाली ही हरियाली सी थी,
जीवन इन्द्रधनुष जैसी रंगीन थी |
परन्तु भाग्य ने अपना चक्र बदला..
आया वह मोड़ जब जुदाई सहनी पड़ी..
रिश्ते की खुशबू घटने लगी |
जीवन सूखेपन सी लगने लगी..
जीवन के रंग मिटने लगी..
फिर भी,साहसी बने |
जुदा होकर भी आगे बढ़ते गए..
परन्तु फिर से,भाग्य ने अपना चक्र बदला |
आयी मिलन की घडी..
लेकिन समय ने सब कुछ बदल दिया था..
रिश्ते की खुशबू हिचकिचाने लगी......
Wednesday 6 March 2013
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