Wednesday 25 April 2012

पानी

पानी है जीवनदायिनी।
प्यासे को मोक्ष प्रदायिनी।
भौतिक संसार में पानी का न रहा महत्व,
भुल गये है कि पानी है जीवनदाता।
बिन पानी हमारा क्या होगा?
पानी की समाप्ति,संसार में मच जाएगी हाहाकार।
समय हुआ है पानी बचाने का,
अन्यथा पानी के बूंदों को तरसेंगे हर प्राणी।


समय हुआ है नारे लगाने का-
पानी व्यर्थ न करो।
पानी प्रदूषित न करो।
पानी बचाओ,पानी बचाओ।
पानी है तो घरती है।
पानी की रक्षा करना हमारा कतर्व्य है।